1. अन्य लक्षण हैं गला बैठना , छाती में दर्द, ताकत की कमी और खिन्नता। 2. गला बैठना : गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से आवाज खुल जाती है।3. फ़ल्लियों के गूदे का काढा आवाज की खरखराहट, गला बैठना जैसी शिकायत आदि में गुणकारी है। 4. इसका उपयोग दमा का दौरा पड़ने व स्वरभंग (गला बैठना ) में भी लाभकारी होता है। 5. गला बैठना : गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से आवाज खुल जाती है।6. 7. स्वर भंग (गला बैठना ) में अदरक के साथ नमक का सेवन करना चाहिए। 7. इससे खांसी, जुकाम, स्वरभंग (गला बैठना ) आदि रोगों में बहुत जल्द लाभ मिलता है। 8. तुलसी की हरी पत्तियों को आग पर सेंककर नमक के साथ खाने से खांसी तथा गला बैठना ठीक हो जाता है। 9. अड़ूसे के रस में तालीस-पत्र का चूर्ण और शहद मिलाकर खाने से स्वर भंग (गला बैठना ) ठीक हो जाता है। 10. गला बैठना : काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है।